14.8.15

चाचा की फेसबुक में चाची-3

डॉ. भानु प्रताप सिंह

जुगाड़ करि कराय कें चाची अनामिका बनकर चाचा अनार सिंह की फेसबुक में घुस गई। दोउन में चैटिंग-फैटिंग होने लगी। चाची साम कूं मेरे ढिंगा आई और बोली- नैक देखियों लल्ला, फेसबुक पर का है रौए। मैंने चाची की फेसबुक आईडी खोली तो बा पे चाचा की ओर से हैलो.. हैलो डियर, कहां हो, बिजी हो लिखा हुआ था। मैंने कही चाची, लोहौ गरमु है। बताओ, का लिखनौ ऐ। अब चाची बताय जात रई और मैं लिखत जात रयो।
चाची: हैलो जी।
चाचा: मिस्ड यू टू मच।
चाची: मैं ऊ तुमन्नै मिस कर रई। मम्मी खर्राटे भर रई हैं, तो मैं बात कर पाय रई हूं।
चाचा: मम्मी सोय गईं, गे तो भौत अच्छो भयो। अब हम खुलिकें बतिया सकें।
चाची: चौं नाय,  खुलिकेंईं बात होनी चइयें।
चाचा: मैं पूछिरो, कल्लि मेरी याद आई कै नाय। सच्ची बतइयों।
चाची: याद तो भौत आई। तुम भौत अच्छे हो। नैंक ये तो बताओ कि तुम मेरे बारे में का सोचतौ।
चाचा: तुम तो चौदवीं कौ चांद हो। तुमाए लएं तो अमिताभ बच्चन ने गानौ गायो है- ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना..
चाची: ज्यादा फैंको मती। तुम लड़के ऐसे गानौ सुनायं को छोरिन की पटाय लेतओ और अपनो काम  निकार के छोड़ देतओ। मन्नौ तो छोरिन को है जातुए। 
चाचा: जे तुम सही बात कै रईओ। आजकल्लि के छोरा ऐसेई हैं। तुम मो पै बिस्वासु करिकें देखो।
चाची: चलौ कल्लौ बिस्वासु। अब का कैनोए।
चाचा: तुमन्नै मो पै बिस्वासु कल्लौ, अब मोय कछू नाय चइयैं। अगर तुम मिल जाओ, जमाना छोड़ि देंगे हम...
चाची: तुम फिर फैंकिबे लगे। अच्छा ये बताओ, तुम इतने अच्छे हो, तोऊ सादी चौं नाय करी। तुमन्नै तो भौत छोरी मिल जाइंगी।
चाचा: छोरी तो मुकती हैं, लेकिन मोय ऐसी चंइये, जो तुम्हारे जैसी टनाटन हो। सच्ची बताइ रौऊं, रात में तुम सपने में आत रहीं। सपनों की रानी बन गई हो तुम तो।
चाची: अच्छा..  मोय बैलाइकें अपनी काम निकान्नौ चाहो। तुमाई फ्रेंड लिस्ट में तो भौत छोरी हैं। मेरे अलावा और कौन-कौन कूं सपनों की रानी बताय चुके हो।
चाचा: जे का कै रइयौ। अगर तुम मो पै सक करि रई तो मैं सबन कूं अनफ्रेंड कद्दंगौ। सब छोरी तुमाए पांवन की धूल लगें।
चाची: अच्छा, तुमन्नै मेरे पांव ऊ देख लए। और का-का देखिबे कौ इरादौ है।
चाचा: जो तुमाई मरजी होयगी...
चाची: अब तुम बदमासी कररए हो। ऐसी बात करौगे तो मैं तुमन तो बात नाय करुंगी।
चाचा: अरे, तुम तो बुरौ मान गईं। मैं तो मजाक कररौ। मैं याय बात कूं अच्छी तरह जानतूं कि तुम भौत दिलखुश हो। तुम तो जा घर में जाओगी बाय सुरग बनाय दोगी। 
अब चाची ने मोते कई, देख लई लल्ला। तुमाए चाचा कैसे पटाय रएं ‘अनामिका’ कूं। अगर मो ते इत्ते प्यार से बात कत्त रैबें तो मैं अपनी जानए दे दुंगी। मोते कबऊं नांय बताओ सपनों का रानी। मोते कबऊं नांय कई- चौदवीं कौ चांद। मन में तो ऐसी आय रई है कि तुमाए चाचा की चांद फोर दऊं। मैंने सलाह दई- चाची चांद नांय, चाचा कौ भंडा फोड़ो भंडा।

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