12.1.11

आप क्या सोचते हैं इस बारे में?

हिन्दी भाषा के उत्थान में देश का भी उत्थान निहित है। कमाल की बात तो यह है कि हमारे राजनेता इस तथ्य को स्वीकार नहीं करते हैं। वे अपने चुनाव क्षेत्र में वोट तो अपनी भाषा में मांगते हैं। लेकिन संसद में आकर अंग्रेजी में भौंकते हैं। लानत है ऐसे नेताओं पर। मेरा मानना है कि ऐसे नेताओं को संसद से इस्तीफा देकर अपने चुनाव क्षेत्र में जाकर अंग्रेजी में ही वोट मांगना चाहिए। उन्हें अपनी औकात के बारे में बता चल जाएगा। आप क्या सोचते हैं इस बारे में?

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