18.8.08

हिन्दी भारत की प्राण है

जन जन जब अपनाए हिन्दी।
नव जीवन तब पाये हिन्दी॥

अंग्रेजी की छोड़ गुलामी
भारत माता की संतान
अपनी भाषा ही अपनायें
यही बढ़ायेगी सम्मान
किंबहुना परिलक्षित है यह
राष्ट्रीय एकता लाये हिन्दी ॥जन जन...॥

अंग्रेजों को मार भगाया
अब अंग्रेजी मार भगायें
राष्ट्र देवता के चरणों में
नित प्रति हिन्दी सुमन चढ़ायें
अंग्रेजी वर्चस्व मिटायें
अब ना ठोकर खाये हिन्दी ॥जन जन....॥

यह कैसी बन गई समस्या
कैसी दुख पूर्ण घड़ी आई
इसको हम कहते हैं माता
अपने ही घर मृत पाई
आऒ मां के आंसू पोछें
अब ना अश्रु बहाये हिन्दी ॥जन जन.....॥


इकसठ साल हो गये अब तो
हे सरकारी तंत्र चेत जा
हिन्दी भाषा को महत्व देकर
हे सरकारी मन्त्र चेत जा
सभी काम हिन्दी में हों
हिन्दी दिवस मनाये हिन्दी ॥जन जन......॥


हिन्दी दिवस तभी हो सार्थक
जब हिन्दी अपनायें हम
हिन्दी के ही लिये जियें और
हिन्दी हित मर जायें हम
नब्बे प्रतिशत हिन्दी भाषी
फिर भी क्यों सरमायें हिन्दी ॥जन जन.....॥


हिन्दुस्तान में हिन्दी दिवस
यह हिन्दी का अपमान है
भारत हिन्दी है हिन्दी भारत है
हिन्दी भारत की प्राण है
हम भारत के प्राण बचायें
रग-रग में बस जाये हिन्दी ॥जन जन....॥
डॉ० भानु प्रताप सिंह

6 comments:

हिन्दी के लिक्खाड़ said...

हिन्दी की यह कविता अपने आप में पूर्ण है इसे पढकर ऐसा लगता है कि इससे पहले हमें हिन्दी का महत्व मालूम ही नहीं था। जब सभी राष्ट अपनी मातृभाषा को इतना महत्व देते हैं तो हम हिन्दुस्तानी अंग्रेजी में वार्तालाप कर हिन्दी का अपमान करते हैं। मैं यह भी नहीं चाहता कि कोई अन्य भाषा ही न सीखें। कम से कम हिन्दुस्तानी आपस में तो बात हिन्दी में किया करें। बड़ी खीज आती है यह सुनकर कि फलां मार्डन स्कूलों में हिन्दी में बातें करने पर जुर्माना कर दिया जाता हैं। ऐसे देश द्रोही स्कूल के प्रबंधकों की खिलाफत करनी चाहिए।
आपका केदार नाथ

Anonymous said...

ACHHI KAWITA LIKHI H

Anonymous said...

ACHHI KAWITA LIKHI H

Pawan Nishant said...

भगवान श्री कृष्ण की नगरी से
आपको सादर प्रणाम
आपको अमर उजाला में भी पढ़ा है और दैनिक जागरण में भी। आपके आर्शीवाद से दोनों अखबारों में नौकरी की है। अभी दैनिक जागरण मथुरा में हूं। यहां ब्लाग पर देखा तो बहुत खुशी हुई। मार्गदर्शन की इच्छा रहेगी। आपको आज से पढ़ना शुरू किया है, उम्मीद है यह सिलसिला बना रहेगा।
आपका साधुवाद।
आपका-पवन निशान्त,मेरा ब्लाग-या मेरा डर लौटेगा.ब्लागसपोट.कॉम मो. नं. 09412777909

Anonymous said...

भानु जी, बहुत बढ़िया। सालों से मुलाकात नहीं हुई। अबकी दीपावली पर तो आगरा पहुंचोगे।

हिन्दी के लिक्खाड़ said...

पंकज जी,

सादर नमस्कार

इस तरफ भी मिलने की आग भड़क रही है। दीवाली पर जरूर दर्शन करूंगा।

भानु प्रताप सिंह