14.8.15

चाचा की फेसबुक में चाची-4




डॉ. भानु प्रताप सिंह

मोय लगि रौए कि चाची कूं फेसबुक को चस्का लगगौ। तबई तौ मोते बेर-बेर पूछती रैबें- लल्ला कब तक फ्री हुंगे। मेरो पढ़िबे में मन नांय लगे पर फेसबुक में तो मैं ऊ घुसो रऊं। चाची ते तो मैं या ई कैतो कि अबई पढ़ि रौ ऊं। थोरी देर में बतांगो।  चाची कूं फेसबुक की हुड़क लग गई। चाचा तौ भंडाफोड़ करिबे कूं तैयार बैठी। या मारें चाची कूं नैकऊ चैन नां पररो। थोरी देर बाद चाची ने फिर पूछी- खाली है गए का लल्ला। मैंने कई- हां, चाची, अब मैं खाली हूं। चाची मुस्काबत भई बोली- फेसबुक खोलो। मोय नैंक जे बताओ कि तुम्हाए चाचा कौन-कौन सी छोरिन से बात कत्तएं।
मैने कई- जे कौन सो बड़ौ काम है।  चाचा की फ्रेंडलिस्ट से सब मालूम पज्जाइगी। मैंने चाची कूं बताई- चाचा की फ्रेंडलिस्ट में 420 जने हैं। इनमें 290 छोरी हैं। चाची ने ये बात सुनी तो चौंक गई। फिर बोलीं- कछुन के नाम तो बतइयों लल्ला। मैंने नाम गिनाए- रुखसाना, करीना, माहिरा खान, पूजा हेगड़े, कृति सैनन, अक्षरा हसन, रिद्धिमा सूद, सपना पब्बी, मधुरिमा तुली, तापसी पन्नू, हुमा कुरैशी, पूनम पांडे, भूमि पेडनेकर, सिद्धि, आसमां,  सोनाक्षी सिन्हा, ...।
‘इनके बारे में कछु बताओ तो सही।’ चाची ने कही।
‘अरे, चाची तुमन्नै का बताऊं। जे तो टाप ऐं टाप। इन छोरिन पै तो कोऊ लट्टू है जाबैगो। चाचा लट्टू है गए तो कोऊ बड्डी बात नानै।’
चाची बोली- ऐसी इनमें ऐसी का बात ए।
मैंने कई: चाची, तुम का जानौ। जब ये मुस्काबतें न, तौ हीया हिल-हिल जाबै। जे छोरी जैसौ कपड़ा-लत्ता पहन लेतएं, बोई फैसन बन जातुए।
चाची: अच्छा। पूनम पांडे तो बोई है न जो निमंग नंगी है जातै। याई ने तो कई कि इंडिया की टीम जीत जाइगी तो नंगी है जाइगी। तो लल्ला तुम जे बताओ कै नंगो है जाइबो फैसनु होतु है का।
चाची ने जब पूनम पांडे को नाम लयो तो मेरो माथो घूमि गौ। दिमाग में तरह-तरह की पिक्चर चलिबे लगीं। मोय लगो कि पूनम पांडे मोय देखि कैं मुस्काइ रई है। मैंने फौरन अपनी सिर झटकौ और चाची ते कई- चाची, आजकल नंगन कौ जमानौ है। पूनम पांडे नंगी है गई, तो हम बाके बारे में बात करि रए हैं। अगर नंगी न होती तो बाय कौन पूछिरो। संसद में सांसद नंगी-नंगी बात कररएं। भ्रष्टाचार पर लम्बौ-लम्बौ भाषण झाड़िबे बारे मौंह पे अलीगढ़ कौ तालौ मारि कैं बैठि गएं, ये ऊ तो नंगई है। वैसें तो हमाम में सब नंगे हैं पर हमाए नेता तो हमाम के बाहरऊ नंगे हैं। फेसबुक पै ऊ नंगई चल रई है।
चाची ने मेरी हां में हां मिलाई और लम्बी सांस भरिकैं बोलीं- सही कै रएऔ लल्ला। अपने चाचा कूं देखि लेउ। इनते जादा नंगो कौन मिलैगो। फेसबुक में मोय ‘अनामिका’ समझि कें पटाय रए हैं। सादीसुदा हैं, पर कुट्टु कुंआरे बने फिर रए हैं। इन छोरिन के चक्कर में नंगपनो करिबे लगगएं। जब मोय ब्याहि के लाएं, तब ऐसे नाए। तब तो मोय छोड़िकें काऊ कूं आँख उठाय के नांय देखते। जब तें फेसबुक के चक्कर में परे हैं, तब ते नंगपनो सीख गएं।

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